पंजाबः मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर की केंद्र को चेतावनी, बोले- लिंक नहर से छेड़छाड़ हुई तो जल उठेगा पंजाब

सतलुज यमुना लिंक नहर को लेकर आज (मंगलवार को) केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों की बैठक की. बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से कहा कि यह मुद्दा देश की सुरक्षा को भंग कर सकता है. मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने तय समय के अंदर पानी […]

पंजाबः मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर की केंद्र को चेतावनी, बोले- लिंक नहर से छेड़छाड़ हुई तो जल उठेगा पंजाब
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| Edited By: | Updated on: Aug 18, 2020 | 8:16 PM

सतलुज यमुना लिंक नहर को लेकर आज (मंगलवार को) केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों की बैठक की. बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से कहा कि यह मुद्दा देश की सुरक्षा को भंग कर सकता है.

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने तय समय के अंदर पानी की उपलब्धता का ताजा मूल्यांकन करने के लिए ट्रिब्यूनल गठित करने की मांग दोहराते हुए कहा कि पंजाब को यमुना नदी समेत उपलब्ध तमाम स्रोतों में पूरा हिस्सा मिलना चाहिए.

पंजाब के मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री शेखावत से कहा कि केंद्र इस मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिए से देखें . अगर केंद्र ने लिंक नहर के मुद्दे पर हरियाणा के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया तो पंजाब जलेगा और फिर यह राष्ट्रीय समस्या बन जाएगा.

उन्होंने कहा कि इसका प्रभाव हरियाणा और राजस्थान पर पूरी तरह पड़ेगा. हांलाकि बैठक के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री ने बातचीत को रचनात्मक और दोस्ताना माहौल में हुई बताते हुए पत्रकारों से कहा कि केंद्रीय मंत्री पंजाब के नजरिए को समझते हैं.

इसके साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री ने पाकिस्तान द्वारा राज्य में गड़बड़ फैलाने और प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस के नाम पर आतंकवाद को फिर हवा देने के प्रयासों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि पंजाब पहले ही चौतरफा खतरे में है. ऐसे में पानी का मुद्दा पंजाब को अधिक अस्थिर कर देगा.

पंजाब के मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पंजाब को यमुना के पानी पर अधिकार था ,जो वर्ष 1966 में विभाजन के वक्त पंजाब को नहीं मिला. कैप्टन अमरिंदर ने हरियाणा के मुख्यमंत्री से इस भावुक मुद्दे पर चर्चा करने के लिए अपनी इच्छा भी प्रकट की.

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सतलुज यमुना लिंक नहर के साथ ही रावी- व्यास के पानी पर चर्चा के लिए राजस्थान को भी शामिल किया जाना चाहिए, क्योंकि राजस्थान भी इसमें एक हिस्सेदार है.

इस बैठक में यह भी निर्णय किया गया कि पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर आगामी चर्चा के लिए चंडीगढ़ में मिलेंगे, जिसकी तारीख बाद में तय की जाएगी. आपस में बात करने के बाद वे फिर केंद्रीय मंत्री से इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे.

हिन्दुस्थान समाचार/नरेंद्र जग्गा