​चीन ने अब डोकलाम में मरम्मत करके बनाईं दो सड़कें

चीन ने भारत से 73 दिन विवाद के बाद बनाई थी दक्षिण डोकलाम तक पहुंचने के लिए सड़क विवादित क्षेत्र की ओर जाने वाली दो पुरानी सड़कें बनाकर भारत के और नजदीक आया चीन भारत पर नजर रखने के लिए दो निगरानी प्रणाली और हाई फ्रीक्वेंसी कैमरे भी लगाये नई दिल्ली, 14 अगस्त (हि.स.). चीन […]

​चीन ने अब डोकलाम में मरम्मत करके बनाईं दो सड़कें
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| Edited By: | Updated on: Aug 14, 2020 | 4:58 PM
  • चीन ने भारत से 73 दिन विवाद के बाद बनाई थी दक्षिण डोकलाम तक पहुंचने के लिए सड़क
  • विवादित क्षेत्र की ओर जाने वाली दो पुरानी सड़कें बनाकर भारत के और नजदीक आया चीन
  • भारत पर नजर रखने के लिए दो निगरानी प्रणाली और हाई फ्रीक्वेंसी कैमरे भी लगाये

नई दिल्ली, 14 अगस्त (हि.स.). चीन ने डोकला​​​​म में विवादित क्षेत्र की ओर जाने वाली दो पुरानी सड़कों की मरम्मत करके नई बना दिया है, जिससे अब वह भारतीय चौकियों के और नजदीक आ गया है. डोकलाम में सड़क निर्माण के विवाद में 2017 में दोनों देशों की सेनाएं 73 दिन तक आमने-सामने डटी रही थीं.

इसके बाद चीन ने विवादित स्थल को छोड़कर दूसरे रास्ते से दक्षिण डोकलाम तक सड़क बना ली थी. अब दो पुरानी सड़कों की मरम्मत करने के साथ ही चीन ने भारतीय गतिविधियों पर नजर रखने के लिए इन इलाकों के आसपास दो निगरानी प्रणाली और हाई फ्रीक्वेंसी के कैमरे भी लगाये हैं.

भारत और चीन के बीच यह विवाद रणनीतिक रूप से उस पठारी इलाके को लेकर हुआ, जिसे दुनिया डोकलाम के नाम से जानती है. डोकलाम एक विवादित पहाड़ी इलाका है, जिस पर चीन और भूटान दोनों ही अपना दावा जताते हैं. डोकलाम पर भूटान के दावे का भारत समर्थन करता है.

डोकलाम में जब चीन ने सड़क बनानी शुरू की तो 16 जून, 2017 को भारतीय सैनिकों ने दो बुलडोज़र्स के साथ भारत-चीन सीमा पार करके पीएलए को डोकलाम में सड़क बनाने से रोक दिया. 9 अगस्त, 2017 को चीन ने दावा किया कि केवल 53 भारतीय सैनिक और एक बुलडोजर अभी भी डोकलाम में हैं जबकि भारत ने इस दावे को नकारते हुए कहा कि उसके अभी भी वहां करीब 300-350 सैनिक मौजूद हैं.

सितम्बर, 2017 में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले 28 अगस्त, 2017 को दोनों देशों ने अपनी सेनाएं पीछे हटाने का निर्णय लिया. इस तरह दोनों देशों की सेनाएं 73 दिन तक आमने-सामने रहने के बाद डोकलाम से हटीं.

डोकलाम विवाद की मुख्य वजह यह रही कि यह एक ट्राई-जंक्शन है, जहां भारत, चीन और भूटान की सीमा मिलती है. इस क्षेत्र को लेकर भारत के लिए चिंता का मुद्दा यह था कि चीन एकतरफा ट्राई-जंक्शन बदल रहा है. भारत इसे 2012 के एक आपसी समझौते का उल्लंघन मानता है.

भारत ने इस सड़क के निर्माण का विरोध इसलिए किया था कि चीन के सड़क बनाने से इलाके की मौजूदा स्थिति में अहम बदलाव आएगा और इससे भारत की सुरक्षा भी खतरे में पड़ेगी. इस रोड लिंक से चीन को भारत पर एक बड़ा सैन्य लाभ हासिल होगा, क्योंकि इससे पूर्वोत्तर राज्यों को भारत से जोड़ने वाला कॉरिडोर चीन की जद में आ जाएगा. डोकलाम का कुछ इलाका सिक्किम में भारतीय सीमा से जुड़ा है.

डोकलाम विवाद के बाद चीन ने विवादित इलाके में सड़क बनाने का काम रोक दिया था, जिससे गतिरोध फिलहाल खत्म माना जा रहा था. डोकलाम में चीन और भारतीय सैनिकों के बीच गतिरोध खत्म होने के बावजूद चीनी सैनिक वहां कड़ाके की ठंड में भी एक नई सड़क बनाने के लिए डटे रहे थे, जिससे वे दक्षिणी डोकलाम तक पहुंच सकें, जहां चीन और भूटान का विवाद है.

एक साल बाद सेटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि चीन ने विवादित स्थल को छोड़ दूसरे रास्ते से दक्षिण डोकलाम तक पहुंचने के लिए 1.3 किलोमीटर लंबी नई सड़क बना ली थी. इस स्थान से 4 किलोमीटर दूर कम्युनिकेशन ट्रेन्चिस का निर्माण किया है.

इस रोड के जरिए चीनी सैनिक दक्षिण डोकलाम में स्थित जम्फेरी रिज तक पहुंच सकते हैं. यह सड़क भारतीय चौकियों से 5 किलोमीटर की दूरी पर है, इस वजह से वहां भारतीय जवानों का पहुंचना मुश्किल है.

डोकलाम विवाद के समय वर्ष 2017 में भारतीय सेना को इस बेस तक पहुंचने में खच्चरों के लिए बने रास्ते पर सात घंटे तक का वक्त लग जाता था. अब भारतीय सेना के लिए रणनीतिक रूप से बेहद अहम डोकला बेस तक पहुंचने में 40 मिनट से ज़्यादा वक्त नहीं लगेगा, क्योंकि बीआरओ ने पिछले साल तारकोल से बनी हर मौसम में काम करने वाली सड़क तैयार कर ली है.

सुरक्षा एजेंसियों को इस बात की भी जानकारी मिली है कि चीन ने अब विवादित क्षेत्र की ओर जाने वाली दो पुरानी सड़कों की मरम्मत भी की है. चीन यहां बड़ी तेजी से नई चौकियों, हेलीपैड आदि का निर्माण कर रहा है. इतना ही नहीं चीन ने भारतीय गतिविधियों पर नजर रखने के लिए इन इलाकों के आसपास दो निगरानी प्रणाली और हाई फ्रीक्वेंसी के कैमरे भी लगाये हैं.

हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत​