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पढ़िए मनोज सिन्हा का BHU में छात्र नेता से LG बनने तक का सफ़र

नई दिल्ली. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू का इस्तीफा मंजूर कर लिया है. राष्ट्रपति ने उनके स्थान पर मनोज सिन्हा को जम्मू कश्मीर का नया उपराज्यपाल नियुक्त किया है. आइए जानते हैं एक ईमानदार नेता के रूप में छवि बनाने वाले मनोज सिन्हा के राजनीतिक […]

पढ़िए मनोज सिन्हा का BHU में छात्र नेता से LG बनने तक का सफ़र
| Edited By: | Updated on: Aug 06, 2020 | 12:10 PM
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नई दिल्ली. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू का इस्तीफा मंजूर कर लिया है. राष्ट्रपति ने उनके स्थान पर मनोज सिन्हा को जम्मू कश्मीर का नया उपराज्यपाल नियुक्त किया है. आइए जानते हैं एक ईमानदार नेता के रूप में छवि बनाने वाले मनोज सिन्हा के राजनीतिक सफर के बारे में….

मनोज सिन्हा की छात्र राजनीति से राजनीति तक के सफर की बड़ी बातें

  • उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के मोहनपुरा गांव में एक किसान परिवार में 1 जुलाई 1959 को मनोज सिन्हा का जन्म हुआ. मनोज सिन्हा छात्र जीवन से ही सियासत में कदम रख दिया था. मनोज सिन्हा मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में रेल राज्य मंत्री भी रहे थे.
  • बनारस से ही उन्होंने आईआईटी की पढ़ाई की और यहीं से छात्र राजनीति में अपना कदम रखा. सिन्हा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव के प्राथमिक विद्यालय से किया. इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए बीएचयू की ओर रुख किया.
  • लोगों के सुख-दुख में शामिल होने वाले मनोज सिन्हा का रुझान छात्र जीवन से ही राजनीति की तरफ रहा. साल 1982 में मनोज सिन्हा बीएचयू छात्रसंघ के अध्यक्ष भी बने.
  • मनोज सिन्हा ने सियासी बुलंदी नरेंद्र मोदी के केंद्रीय राजनीतिक में आने के बाद छूआ. 2014 लोकसभा चुनाव में मनोज सिन्हा तीसरी बार मोदी लहर पर सवार होकर संसद पहुंचे.
  • मनोज सिन्हा मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री भी रहे. इस दौरान रेल मंत्रालय जैसे अहम विभाग की जिम्मेदारी संभाली, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में हार जाने के चलते सियासी परिदृश्य से पूरी तरह से गायब हो गए थे.
  • वर्ष 1996 में वह पहली बार गाजीपुर सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे. साल 1999 में उन्हें फिर जीत हासिल हुई. इसके बाद वर्ष 2014 में मनोज सिन्हा तीसरी बार लोकसभा के लिए चुने गए और मोदी सरकार में रेल राज्य मंत्री बने.
  • मनोज सिन्हा की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि उन्हें राजनीति में एक ईमानदार नेता के रूप में जाना जाता है. देश की एक लीडिंग मैगजीन ने उन्हें सबसे ईमानदार सांसद के ख़िताब से नवाजा था.

मनोज सिन्हा की गिनती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद नेताओं में होती है. ऐसे में अब एक बार फिर केंद्र सरकार की ओर से मनोज सिन्हा को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है.