इलेक्शन कमिश्नर अशोक लवासा ने दिया इस्तीफा, अब संभालेंगे ये नई जिम्मेदारी

TV9 Bangla Digital | Edited By: TV9 Bangla

Aug 18, 2020 | 4:25 PM

नई दिल्ली. मुख्य चुनाव आयुक्त अशोक लवासा (Ashok lavasa) ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. लवासा ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को अपना इस्तीफा सौंप दिया है और 31 अगस्त को रिलीविंग लेटर देने का अनुरोध किया है. लवासा अगले महीने फिलीपींस (Philippines) स्थित एशियाई विकास बैंक में वाइस प्रेसीडेंट की […]

इलेक्शन कमिश्नर अशोक लवासा ने दिया इस्तीफा, अब संभालेंगे ये नई जिम्मेदारी

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नई दिल्ली. मुख्य चुनाव आयुक्त अशोक लवासा (Ashok lavasa) ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. लवासा ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को अपना इस्तीफा सौंप दिया है और 31 अगस्त को रिलीविंग लेटर देने का अनुरोध किया है.

लवासा अगले महीने फिलीपींस (Philippines) स्थित एशियाई विकास बैंक में वाइस प्रेसीडेंट की जिम्मेदारी संभालेंगे. लवासा दिवाकर गुप्ता की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 31 अगस्त को खत्म हो रहा है.

लवासा, चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा और मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के साथ पोल पैनल में काम करते हैं. लवासा मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के बाद दूसरे सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं.

1980 बैच के IAS अशोक लवासा को 2018 में चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था. हरियाणा कैडर के अधिकारी लवासा पहले नागरिक उड्डयन और पर्यावरण मंत्रालय में सचिव के तौर पर रह चुके हैं. 2017 में वो वित्त सचिव के तौर पर रिटायर हुए थे. हरियाणा में उनकी छवि एक ईमानदार अधिकारी की रही है.

आइएस बनने से पहले वो दिल्ली यूनिवर्सिटी में अगस्त 1978 से दिसंबर 1979 तक लेक्चरर रहे. दिसंबर 1979 से जुलाई 1980 तक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में प्रोबेशनरी ऑफिसर के तौर पर भी काम किया.

सक्रिय सेवा में अशोक लवासा को 37 से भी ज्यादा साल का अनुभव है. केंद्र और राज्य सरकार में रहते हुए उन्हें सुशासन और नीतिगत सुधार की पहलों में ख़ास योगदान देने का श्रेय दिया जाता है. अशोल लवासा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुई कई वार्ताओं में भी मुख्य भूमिका निभा चुके हैं.

निर्वाचन आयोग के इतिहास में अशोक लवासा दूसरे ऐसे आयुक्त होंगे जिन्हें कार्यकाल पूरा करने से पहले ही इस्तीफा देकर जाना पड़ रहा है. अशोक लवासा से पहले 1973 में मुख्य निर्वाचन आयुक्त नागेन्द्र सिंह ने जब रिजाइन दिया था जब उनको अंतरराष्ट्रीय न्यायिक अदालत में जज बनाया गया था.

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