ITBP ने बहादुरी पदक के लिए 21 जवानों के नाम की सिफारिश की

TV9 Bangla Digital | Edited By: TV9 Bangla

Aug 14, 2020 | 5:11 PM

केंद्र सरकार द्वारा इस साल दिए जाने वाले बहादुरी पदक के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) ने अपने 21 जवानों के नाम भेजे हैं. इन जवानों ने मई-जून के महीनों में लद्दाख में LAC पर हुई झड़प में बड़ी बहादुरी के साथ चीनी सैनिको से मुकाबला किया था. डीजी ने शुक्रवार को बताया क‍ि हमारे […]

ITBP ने बहादुरी पदक के लिए 21 जवानों के नाम की सिफारिश की

Follow Us

केंद्र सरकार द्वारा इस साल दिए जाने वाले बहादुरी पदक के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) ने अपने 21 जवानों के नाम भेजे हैं. इन जवानों ने मई-जून के महीनों में लद्दाख में LAC पर हुई झड़प में बड़ी बहादुरी के साथ चीनी सैनिको से मुकाबला किया था.

डीजी ने शुक्रवार को बताया क‍ि हमारे जवानों ने ईस्टर्न लदाख में झड़पों के दौरान शील्ड का प्रभावशाली उपयोग किया और बहुत पराक्रम के साथ संख्या में ज्यादा चीनी सैनिकों का सामना करते हुए उन्हें रोके रखा और स्थिति को नियंत्रण में रखा. उन्होंने कहा कि आईटीबीपी के जवानों ने भारतीय सेना के साथ कंधे से कन्धा मिलकर बहादुरी से संघर्ष किया और कई घायल सेना के जवानों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया.

उन्होंने कहा कि कई बार आईटीबीपी के जवानों ने पूरी रात पीएलए का सामना किया और 17 से 20 घंटों तक उन्हें जवाबी कार्रवाई करते हुए रोके रखा. आईटीबीपी ने अपने 318 कर्मियों के नाम और 40 अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मियों के नाम केंद्रीय गृहमंत्री स्पेशल ऑपरेशन ड्यूटी मेडल के लिए अग्रेषित किए हैं. जिन्होंने कोरोना प्रसार को रोकने और अन्य प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. 

ITBP ने जनवरी से ही कोरोना के विरुद्ध संघर्ष में बढ़-चढ़कर भूमिका निभाई है. बल ने देश का पहला 1000 बिस्तरों का क्वारंटाइन केंद्र छावला में बनाया जिसमें वुहान और बाद में इटली के भारतीय नागरिकों को रखा गया, साथ ही बल ने नई दिल्ली में 10 हजार बिस्तरों वाले विश्व के सबसे बड़े कोविड केयर सेंटर और अस्‍पताल को भी संचालित क‍िया.

बता दें कि LAC पर अपनी बहादुरी और शौर्य का प्रदर्शन करने के लिए आईटीबीपी के डीजी एसएस देसवाल ने 294 जवानों को डीजी प्रशंसा पत्र और प्रतीक चिह्न प्रदान किया है. इसके अलावा 6 अन्य जवानों को छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के विरुद्ध सफल अभियानों के लिए डीजी प्रशंसा पत्र और प्रतीक चिह्न प्रदान किया गया है.

हिन्दुस्थान समाचार/अश्‍वनी

Next Article