अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन के बाद भी मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मस्जिद का राग अलापना बंद नहीं किया है. सदियों से चली आ रही जंग पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाम लगा दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने विवादित भूमि पर रामलला का अधिकार घोषित किया था, जिसके बाद बकायदा एक ट्रस्ट बनाकर राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन भी संपन्न हो गया है.
भूमि पूजन के बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने विवादित बयान देते हुए विवाद को फिर से हवा देने का काम किया है. बोर्ड ने कहा कि बाबरी मस्जिद कल भी थी, आज भी है. और कल भी रहेगी. बोर्ड ने इसके लिए हागिया सोफिया इसका उदाहरण बताया.
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि मस्जिद में मूर्तियां रख देने, पूजा-पाठ शुरू कर देने या एक लंबे अर्से तक नमाज पर पाबंदी लगा देने से मस्जिद की हैसियत खत्म नहीं हो जाती. बोर्ड ने विवाद को फिर से हवा देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निराश ना हों, पूरे हौंसले के साथ मुखालिफ हालात में आगे बढ़ने का फैसला करें.
भूमि पूजन से पहले भी बोर्ड ने कहा था कि वहां बाबरी मस्जिद थी और हमेशा मस्जिद ही रहेगी. हागिया सोफिया इसका एक बड़ा उदाहरण है. अन्यायपूर्ण, दमनकारी, शर्मनाक और बहुसंख्यक तुष्टिकरण निर्णय द्वारा जमीन पर पुनर्निमाण इसे बदल नहीं सकता है. दुखी होने की जरूरत नहीं है. कोई स्थिति हमेशा के लिए नहीं रहती है.
ओवैसी ने भी जताया ऐतराज
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी भूमि पूजन कार्यक्रम पर ऐतराज जताया है. उन्होंने ट्वीट करके कहा कि बाबरी मस्जिद थी, है और रहेगी इंशाअल्लाह. उन्होंने अपने ट्वीट में #BabriZindaHai का भी इस्तेमाल किया.