राजस्थानः कल से शुरू होगा विधानसभा सत्र, हंगामे के आसार

TV9 Bangla Digital | Edited By: TV9 Bangla

Aug 13, 2020 | 5:47 PM

जयपुर, राजस्थान। प्रदेश में एक माह से अधिक समय तक चल रही राजनीतिक खींचतान के बाद शुक्रवार से शुरू हो रहे 15वीं विधानसभा के पांचवें सत्र का हंगामेदार रहना तय है. प्रतिपक्ष भारतीय जनता पार्टी ने फोन टैपिंग, विधायकों की बाड़ेबंदी, टिड्डी हमले और प्रदेश की कानून व्यवस्था व आर्थिक हालात को लेकर सरकार को […]

राजस्थानः कल से शुरू होगा विधानसभा सत्र, हंगामे के आसार

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जयपुर, राजस्थान।

प्रदेश में एक माह से अधिक समय तक चल रही राजनीतिक खींचतान के बाद शुक्रवार से शुरू हो रहे 15वीं विधानसभा के पांचवें सत्र का हंगामेदार रहना तय है. प्रतिपक्ष भारतीय जनता पार्टी ने फोन टैपिंग, विधायकों की बाड़ेबंदी, टिड्डी हमले और प्रदेश की कानून व्यवस्था व आर्थिक हालात को लेकर सरकार को घेरने का रणनीति बनाई है.

वहीं कांग्रेस विधायकों की बाड़ेबंदी पर खर्च, सरकारी मशीनरी और सुविधाओं का दुरुपयोग को लेकर अलग से सरकार पर हमले किए जाएंगे. इधर कांग्रेस, माकपा, निर्दलीय विधायक भी बिजली, पानी, शिक्षा और विकास योजनाओं को लेकर अपनी सरकार से सवाल-जवाब करेंगे.

इस सत्र को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष ने पूरी तरह से कमर कस रखी है. कांग्रेस और भाजपा ने सत्र की तैयारियों को लेकर गुरुवार को विधायक दल की बैठकें कर अपनी-अपनी रणनीति बनाई. सियासी संकट टलने के बाद अब सरकार संभवत: कल (शुक्रवार को) सत्र के पहले ही दिन विश्वास मत हासिल कर सकती है. पार्टी रणनीतिकार इसके लिए रणनीति बनाने में जुट गए हैं.

पक्ष-विपक्ष का सहयोग मिलेगा- मुख्यमंत्री

विधानसभा सत्र को लेकर मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर लॉकडाउन के बाद में प्रदेश की आर्थिक स्थिति को लेकर खुलकर चर्चा होने की उम्मीद जताई है. सीएम गहलोत ने ट्वीट कर कहा है कि 14 अगस्त को विधानसभा शुरू हो रही है.

गहलोत ने लिखा कि मुझे उम्मीद है कि इस दौरान प्रदेश में कोरोना की स्थिति और लॉकडाउन के बाद में आर्थिक रूप से जो स्थिति बनी है उसे लेकर खुलकर चर्चा कर सकेंगे. मुझे विश्वास है कि सुशासन देने में पक्ष-विपक्ष सभी का सहयोग मिलेगा और प्रदेश की जनता के अंदर नया कॉन्फिडेंस पैदा होगा.

इधर उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा है कि राजस्थान कोरोना से कराह रहा है. किसान टिड्डी और संभावित सूखे से परेशान है. कानून व्यवस्था जर्जर हो चुकी है. विकास का पहिया रुका हुआ है. इन सभी मुद्दों पर विधानसभा में सार्थक बहस करने का हम प्रयास करेंगे. 

बता दें कि पिछले एक महीने से राजस्थान में सियासी ड्रामा चल रहा था. सचिन पायलट अपने कुछ विधायकों के साथ मिलकर बागी हो गए थे. जिससे गहलोत सरकार संकट में पड़ गई थी. लेकिन गहलोत ने विधायकों की अच्छी तरह से घेराबंदी की, जिससे पायलट गुट को झुकना पड़ा.

हिन्दुस्थान समाचार/संदीप

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