UGC Final Year Exam: सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

TV9 Bangla Digital | Edited By: TV9 Bangla

Aug 18, 2020 | 4:57 PM

विश्वविद्यालयों में फाइनल ईयर की परीक्षा लेने के UGC के दिशा-निर्देशों के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट ने सभी पक्षों से 3 दिन के अंदर लिखित दलीलें दाखिल करने का निर्देश दिया. सुप्रीम कोर्ट यह भी तय करेगा कि पूरे देश के […]

UGC Final Year Exam: सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

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विश्वविद्यालयों में फाइनल ईयर की परीक्षा लेने के UGC के दिशा-निर्देशों के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट ने सभी पक्षों से 3 दिन के अंदर लिखित दलीलें दाखिल करने का निर्देश दिया.

सुप्रीम कोर्ट यह भी तय करेगा कि पूरे देश के विश्वविद्यालयों में फाइनल ईयर की परीक्षाएं आयोजित की जानी चाहिए कि नहीं. कोर्ट इस बात पर भी फैसला करेगा कि राज्यों को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत छात्रों को प्रमोट करने का अधिकार है कि नहीं.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में परीक्षाएं पिछले 10 अगस्त से चल रही हैं, इसलिए वो इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगा. याचिकाकर्ता यश दुबे की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने 14 अगस्त को एक कहा था कि यह मामला छात्रों के जीवन और स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि क्लास के बिना परीक्षा कैसे हो सकती है.

सिंघवी ने कहा था कि गृह मंत्रालय ने अब तक शैक्षणिक संस्थानों को खोलने की अनुमति नहीं दी है, लेकिन परीक्षा आयोजित करने की अनुमति दी है. उन्होंने कहा था कि ऐसा करते समय विवेक का उपयोग नहीं किया गया. सिंघवी ने कहा था कि गृह मंत्रालय ने अपने दिशा-निर्देशों में कभी भी छात्रों को ये नहीं बताया कि पूरी परीक्षा आयोजित की जाएगी.

उन्होंने कहा था कि यहां शिक्षा विशेष नहीं है बल्कि महामारी विशेष है. महामारी हर किसी पर और हर चीज पर लागू होती है. अगर आपदा अधिनियम अथॉरिटी ये आदेश देती है कि अदालतें शुरु नहीं की जा सकती हैं तो क्या मैं आकर ये कह सकता हूं कि मेरा यह अधिकार है.

सिंघवी ने कहा कि परीक्षा के आयोजन को लेकर यूजीसी के पास कोई सुसंगत रुख नहीं था. सिंघवी ने कहा था कि राज्यों की स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में नहीं रखा गया. यूजीसी का फैसला संघवाद पर हमला है.

13 अगस्त को हलफनामा दायर कर यूजीसी ने दिल्ली और महाराष्ट्र सरकार की ओर से फाईनल ईयर की परीक्षा निरस्त करने के फैसले का विरोध किया था. यूजीसी ने कहा कि दोनों सरकारें विरोधाभासी फैसले ले रही हैं. एक तरफ वो फाईनल ईयर की परीक्षा निरस्त करने का आदेश देती है और दूसरी तरफ नए एकेडमिक सत्र के शुरु होने की बात करती है.

हिन्दुस्थान समाचार/संजय

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