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HRD मिनिस्टर निशंक बोले- नई शिक्षा नीति प्रबंधन पाठ्यक्रमों को मजबूत करेगी

केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि नई शिक्षा नीति प्रबंधन पाठ्यक्रमों को और मजबूत करेगी. निशंक ने ये बातें अखिल भारतीय प्रबंधन संघ के 25वें दीक्षांत समारोह में कहीं. उन्होंने कहा कि प्रबंधन हमारी प्राचीन सभ्यताओं का हिस्सा रहा है और अभी हाल के वर्षों में प्रबंधन शिक्षा और भारतीय व्यापार […]

HRD मिनिस्टर निशंक बोले- नई शिक्षा नीति प्रबंधन पाठ्यक्रमों को मजबूत करेगी
| Edited By: | Updated on: Aug 20, 2020 | 7:25 PM
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केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि नई शिक्षा नीति प्रबंधन पाठ्यक्रमों को और मजबूत करेगी. निशंक ने ये बातें अखिल भारतीय प्रबंधन संघ के 25वें दीक्षांत समारोह में कहीं.

उन्होंने कहा कि प्रबंधन हमारी प्राचीन सभ्यताओं का हिस्सा रहा है और अभी हाल के वर्षों में प्रबंधन शिक्षा और भारतीय व्यापार में बड़ा बदलाव आया है. उन्होंने कहा कि इस बात को ध्यान में रखते हुए ही नई शिक्षा नीति तैयार की गई है.

संघ ने दीक्षांत समारोह ऑनलाइन आयोजित किया

छात्रों को संबोधित करते हुए निशंक ने कहा कि आपके प्रबंधन डिप्लोमा और प्रमाण पत्र ने आपको अपने भविष्य निर्माण के लिए एक मजबूत आधार दिया है. अपने अपनी प्रबंधन शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए AIIMA को चुनकर बहुत अच्छा निर्णय लिया, क्योंकि AIIMA को भारत की प्रबंधन क्षमता के निर्माण में अपने उत्कृष्ट कार्य के लिए हमेशा सराहा गया है.

भारत के प्राचीन महाकाव्यों में प्रबंधन का महत्व

भारत में प्रबंधन के इतिहास की बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्राचीन मोहनजोदड़ो और हड़प्पा सभ्यताओं में भी प्रबंधकीय कुशलता के साक्ष्य मिलते हैं. 7 हजार वर्ष पहले लिखी गई श्रीमदभागवत गीता हमें प्रबंधकीय ज्ञान की शिक्षा देती है. भारत के प्राचीन महाकाव्य रामायण और महाभारत, वेद, श्रुति, स्मृति तथा पुराण हमें प्रबंधन का महत्व सिखाते हैं. लेकिन औपचारिक प्रबंधन शिक्षा का भारत में 50 वर्ष का इतिहास है.

पोस्ट ग्रेजुएशन में सामाजिक विज्ञान व प्रबंधन का बोलबाला

भारत में बिजनेस स्कूलों की संख्या में 1990 के बाद से वृद्धि हुई है. निशंक ने एआईएसएचई की 2018-19 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि स्नातकोत्तर स्तर के अधिकांश छात्र सामाजिक विज्ञान (2.75 लाख) तथा प्रबंधन (2.17 लाख) को तरजीह देते हैं जबकि स्नातक स्तर पर, प्रबंधन स्ट्रीम में 4.05 लाख छात्रों के साथ कुल 6.5 लाख छात्र हैं.

आत्मनिर्भर भारत के लिए नीति बनाने का आह्वान

निशंक ने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विकास की ओर बढ़ रहे हैं, ऐसे में यह जरूरी है कि प्रबंधन के विद्यार्थी आगे आएं और ‘भारतीय विचारों के वैश्विककरण’ के लिए नीतियां विकसित करें.

हिन्दुस्थान समाचार/सुशील