प्रधानमंत्री मोदी ने सुरेश रैना को पत्र लिखकर उनकी दूसरी पारी के लिए दी शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना को एक पत्र लिखकर उनकी दूसरी पारी के लिए शुभकामनाएं दी हैं. रैना ने खुद इसकी जानकारी अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए दी है. रैना ने ट्वीट किया, “जब हम खेलते हैं, तब हम अपना खून और पसीना देश के नाम कर देते […]
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना को एक पत्र लिखकर उनकी दूसरी पारी के लिए शुभकामनाएं दी हैं. रैना ने खुद इसकी जानकारी अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए दी है.
रैना ने ट्वीट किया, “जब हम खेलते हैं, तब हम अपना खून और पसीना देश के नाम कर देते हैं. इससे बेहतर तारीफ कुछ और नहीं हो सकती जब आपको लोगों से प्यार मिलता है और देश के पीएम का स्नेह प्राप्त होता है. नरेंद्र मोदी जी आपकी प्रशंसा भरे शब्दों और शुभकानाओं के लिए शुक्रिया. मैं कृतज्ञता से इसे स्वीकार करता हूं. जय हिंद.”
रैना के करियर के शुरुआती दिनों को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने अपने पत्र में लिखा, “क्रिकेट को आपने जिया और महसूस किया है. खेल में आपकी रुचि मुरादनगर की उप-गलियों और बाद में लखनऊ के खेल के मैदानों में पाई गई. यह एक शानदार यात्रा है. पीढ़ियां न सिर्फ आपको एक बेहतरीन बल्लेबाज के तौर पर याद रखेंगी बल्कि एक उपयोगी गेंदबाज के रूप में भी आपके रोल को भुलाया नहीं जा सकेगा. आप एक ऐसे गेंदबाज रहे हैं जिन पर मौका आने पर कप्तान भरोसा कर सकते हैं, आपकी फील्डिंग शानदार रही थी. इस दौर के कुछ श्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय कैचों पर आपके निशान नजर आते हैं. आपने जितने भी रन बचाए उनका हिसाब लगाने में तो कई दिन लग जाएंगे.”
प्रधानमंत्री ने पत्र में आगे लिखा, “’15 अगस्त 2020 को आपने जो फैसला लिया, निश्चित रुप से वो आपकी जिंदगी के सबसे मुश्किल फैसलों में से एक होगा. मैं आपके लिए रिटायरमेंट शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहता, क्योंकि आप अभी भी बेहद ही युवा और उर्जावान हैं. क्रिकेट के मैदान पर आपका करियर शानदार रहा है. अब आप अपनी नई जिंदगी के लिए तैयार हो चुके हैं.”
उन्होंने ऑलराउंडर और उनकी बल्लेबाजी के शानदार क्षेत्ररक्षण की सराहना की, विशेष रूप से, खेल के सबसे छोटे प्रारूप में.
2011 विश्व कप और टूर्नामेंट के दौरान रैना की “प्रेरणादायक” भूमिका को याद करते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा, “भारत 2011 विश्व कप के दौरान, विशेष रूप से बाद के मैचों के दौरान आपकी प्रेरक भूमिका को कभी नहीं भूल सकता. मैंने अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में आपके खेल को लाइव देखा था. उस वक्त भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वॉर्टरफाइनल मैच खेल रही थी. आपकी पारी ने भारतीय टीम की जीत में अहम योगदान दिया था. मैं यकीन के साथ कह सकता हूं कि फैंस आपके कवर ड्राइव शॉट को जरूर मिस करेंगे. मैं खुद को खुशनसीब मानता हूं कि उस मैच को लाइव देखा था.”
प्रधानमंत्री ने आगे कहा रैना हमेशा टीम भावना का पर्याय बनेंगे. मैं उन्हें उनकी सेवानिवृत्ति के बाद की पारी की शुभकामनाएं देता हूं.
बता दें कि 2011 में विश्व कप विजेता टीम के एक सदस्य, रैना ने पहली बार 18 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था और 23 साल की उम्र में एकदिवसीय और टी-20 क्रिकेट में भारत का नेतृत्व किया था.
वह भारतीय टी-20 टीम का नेतृत्व करने वाले सबसे युवा हैं और उस टीम के सदस्य भी थे,जिसने पहला टी-20 मैच खेला था. टी-20 विश्व कप में शतक बनाने वाले वह पहले भारतीय भी हैं.
रैना की कप्तानी में, भारत ने वेस्टइंडीज में 3-2 से और बांग्लादेश में 2-0 से एकदिनी श्रृंखला जीती. उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने ज़िम्बाब्वे में 2-0 से टी 20 श्रृंखला जीती थी.
रैना, जिन्होंने टेस्ट में पदार्पण पर शतक लगाया, इस खेल के तीनों प्रारूपों में शतक बनाने वाले पहले भारतीय हैं. उनके तीनों शतक भारत के बाहर बने.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले 20 अगस्त को प्रधानमंत्री ने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को भी चिट्ठी लिखकर भारतीय क्रिकेट में उनके योगदान की जमकर तारीफ की थी. मोदी ने धोनी को लिखा था कि उन्होंने छोटे शहर से आने वाले युवाओं को एक बड़ा ख्वाब देखने की प्रेरणा दी है. धोनी में नए भारत की आत्मा झलकती है.
हिन्दुस्थान समाचार/सुनील