मणिपुर में बीजेपी ने हासिल किया विश्वासमत, कांग्रेस के छह विधायकों ने दिया इस्तीफा

नई दिल्ली. मणिपुर (Manipur) में कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है. यहां कांग्रेस के छह विधायकों (MLA) ने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. पार्टी के विधायक ओ हेनरी सिंह (Henry Singh) ने मंगलवार को ये जानकारी दी. मणिपुर विधानसभा में बहुमत परीक्षण कराया गया था. बहुमत परीक्षण BJP के पक्ष में गया. […]

मणिपुर में बीजेपी ने हासिल किया विश्वासमत, कांग्रेस के छह विधायकों ने दिया इस्तीफा
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| Edited By: | Updated on: Aug 11, 2020 | 3:08 PM

नई दिल्ली. मणिपुर (Manipur) में कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है. यहां कांग्रेस के छह विधायकों (MLA) ने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. पार्टी के विधायक ओ हेनरी सिंह (Henry Singh) ने मंगलवार को ये जानकारी दी.

मणिपुर विधानसभा में बहुमत परीक्षण कराया गया था. बहुमत परीक्षण BJP के पक्ष में गया. मणिपुर में फिलहाल एन वीरेन सिंह की अगुआई में बीजेपी सरकार है. बहुमत परीक्षण के तुरंत बाद कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया. बता दें कि कांग्रेस के 8 विधायकों ने पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए सदन की कार्यवाही में भाग नहीं लिया था.

उधर बहुमत परीक्षण में हारने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष इबोबी सिंह ने कहा कि जिस तरीके से विधानसभा चलाई जा रही है, वह पूरी तरह से लोकतंत्र की हत्या है.

वांगखाई विधानसभा क्षेत्र से विधायक हेनरी सिंह के अलावा इस्तीफा देने वालों में ओइनम लुखोई (वांगोई सीट), मोहम्मद अब्दुल नासीर (लिलोंग सीट), पोनम ब्रोजन (वांगजिंग तेंठा सीट), नगमथांग होकिप (सैतू सीट) और गिनसुआनहु (सिंघट सीट) हैं.

इन विधायकों ने ओ इबोबी सिंह (Ibobi Singh)के नेृतत्व में विश्वास की कमी का हवाला देते हुए कहा कि उनकी वजह से कांग्रेस राज्य में तब भी सरकार बनाने में विफल रही जब वह राज्य में अकेली सबसे बड़ी पार्टी थी.

हेनरी सिंह ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष युमनम खेमचंद सिंह ने विधानसभा सत्र के बाद सोमवार रात में उन्हें बुलाया था और उनके इस्तीफे पत्र की जांच की.उन्होंने बताया कि अध्यक्ष ने अब तक उनके इस्तीफे स्वीकार नहीं किए हैं. हेनरी सिंह ने कहा कि वे पार्टी की सदस्यता से शाम को इस्तीफा देंगे.

मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 24 विधायक हैं. तीन विधायकों के इस्तीफे और दल-बदल कानून के तहत चार विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद अब सदन में सदस्यों की संख्या 53 है. इससे पहले विधानसभा के चार सदस्य अयोग्य ठहराए गए थे और बीजेपी के तीन सदस्यों ने कुछ समय पहले इस्तीफा दे दिया था.