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स्पेस एक्स के अंतरिक्ष यात्री 63 दिनों बाद सकुशल लौटे, 45 वर्षों बाद हुई समुद्र में उतरने की यह घटना

अमेरिकी अंतरिक्ष यान स्पेस एक्स के दोनों यात्री डग्लस हर्ली और राबर्ट बेंकेन ने रविवार दोपहर बाद (दो बजकर 48 मिनट ईस्ट समय) ड्रेगन कैप्सूल ‘एंडेवर’ यान से फ़्लोरिडा की मैक्सिको खाड़ी में सफल लैंडिंग की. इस यान के सफल परीक्षण के बाद नासा और स्पेस एक्स ने अगले महीने से अंतरिक्ष में छह शटलयान […]

स्पेस एक्स के अंतरिक्ष यात्री 63 दिनों बाद सकुशल लौटे, 45 वर्षों बाद हुई समुद्र में उतरने की यह घटना
| Edited By: | Updated on: Aug 03, 2020 | 8:41 AM
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अमेरिकी अंतरिक्ष यान स्पेस एक्स के दोनों यात्री डग्लस हर्ली और राबर्ट बेंकेन ने रविवार दोपहर बाद (दो बजकर 48 मिनट ईस्ट समय) ड्रेगन कैप्सूल ‘एंडेवर’ यान से फ़्लोरिडा की मैक्सिको खाड़ी में सफल लैंडिंग की. इस यान के सफल परीक्षण के बाद नासा और स्पेस एक्स ने अगले महीने से अंतरिक्ष में छह शटलयान भेजने की तैयारी की है.

इस बार अंतरिक्ष यात्री बेंकेन की पत्नी मेगन मकार्थर, जो ख़ुद भी अंतरिक्ष यात्री है, अपने साथ एक यात्री ले जा सकती हैं. इसके लिए यात्री को एक सीट की क़ीमत पाँच करोड़ 50 लाख डालर चुकानी पड़ सकती हैं. यूं तो 1975 से ‘अपोलो’ चंद्र मिशन पर अंतरिक्ष यात्री जाते आते रहे हैं लेकिन समुद्र में उतारने की यह पहली घटना है.

 नासा और स्पेस एक्स को शटल के रूप में इस्तेमाल करने वाली ‘टेक्सेला’ आटो कंपनी के सीईओ एलन मुस्क उत्साहित हैं. स्पेस एक्स और कैप्सूल यान के निर्माण और संचालन में एलन मुस्क का हाथ रहा है. जबकि नासा ने पहली बार अपने दो अनुभवी अंतरिक्ष यात्री डग्लस हर्ली और राबर्ट बेंकेन के ‘एंडेवर’ यान को फ़्लोरिडा मेक्सिको खाड़ी में ‘पंसकोला’ में उतार कर एक एतिहासिक कार्य किया है.

ये दोनों अंतरिक्ष यात्री गत 30 मई को स्पेस एक्स यान के साथ ड्रेगन कैप्सूल में सवार होकर अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना हुए थे, जो ठीक 63 दिन के बाद सकुशल लौट आए हैं. इस पर नासा और स्पेस एक्स की ओर से दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को सकुशल लौटने पर बधाई दी गई. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीट कर इस एतिहासिक सफलता पर बधाई दी है.

इन दोनों यात्रियों को समुद्र तल पर उतरने और अपने ड्रेगननुमा कैप्सूल से बाहर आने में क़रीब एक घंटे का समय लगा. उन्होंने भी नासा और स्पेस एक्स अधिकारियों के प्रति आभार जताया. इस बार की यह अंतरिक्ष यात्रा भले ही बतौर परीक्षण की थी लेकिन अगली यात्राएं सैर सपाटे, कारपोरेट रिसर्च और स्टेटलाइट इंजीनों के मरम्मत को लेकर हो सकती हैं.

नासा ने बाद में मीडिया ब्रीफ़िंग में कहा, अगली यात्राओं में उनकी स्थिति एक ‘कस्टमर’ की होगी. नासा ने एपेस एक्स और बोईंग कंपनियों को अपार धन राशि देकर ये यान तैयार करवाए थे ताकि ये उनके दो अंतरिक्ष यात्रियों को अन्तरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक ले जा सकें. स्पेस एक्स की प्रेज़िडेंट ग्विन शोतवेल्ल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह मिशन सीधा सपाट और अभूतपूर्व रहा. इसने भविष्य के रास्ते खोल दिए हैं. वह अब इस तरह की और अंतरिक्ष यात्राएं कर सकेंगे. चाँद के साथ-साथ मंगल पर जाना-आना और आसान होगा.

इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों ने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शनिवार को ट्रंकनुमा अन्तरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से एक ही झटके में अलग हो कर विदा ली थी. उन्होंने लौटते समय अपने इस कैप्सूल का नाम ‘एंडेवर’ रखा, जिसे वापस आने में एक दिन से भी कम समय लगा. इस यान की प्रारंभिक गति 28 हज़ार किलो मीटर प्रति घंटे थी, तो वायुमंडल में 560 किलोमीटर की गति से प्रवेश किया. समुद्र में उतरते समय इसकी गति मात्र 24 किलोमीटर रही.  

ये अंतरिक्ष यात्री अपने ‘एंडेवर यान से जैसे ही समुद्र में छपाक से उतरे, हर्ली और राबर्ट के लिए यह एक अद्भुत घटना थी. नासा ने समुद्र में उतरने की इस अद्भुत घटना को अपने कैमरों में क़ैद तो किया ही, अंतरिक्ष केंद्र में ये दृश्य देख रहे लोगों ने करताल ध्वनि से उनका अभिवादन किया. नासा ने अपने अंतरिक्ष यात्रियों को समुद्र में उनके एंडेवर यान से बाहर निकालने के लिए विशेष व्यवस्था की हुई थी. इसके लिए स्पेस एक्स की ओर से एक बड़ी बोट नुमा जहाज़ पहले से निर्धारित स्थान पर तैनात था. इस बोट में डाक्टर, नर्स और  अन्यान्य सहायक पहले से तैयार थे, जिनकी कोविड-19 जाँच आदी की जा चुकी थी.

कहा जा रहा है कि यह गोलाकार यान ‘एंडेवर’ आकाश मार्ग से पृथ्वी की ओर आ रहा था, तो यह रक्तिमा लिए हुए ‘श्वेत अंडे’ की तरह दिखाई पड़ रहा था. नासा ने इस यान की वापसी के अंतिम पड़ाव में पैराशूट से मार्ग प्रशस्त किया. बता दें, सन 2011 के बाद यह पहला मौक़ा है जब अमेरिका ने मानवयुक्त अंतरिक्ष यान स्पेस एक्स अपनी धरती से भेजा था.

अमेरिका के लिए यह अंतरिक्ष यात्रा मूलत: दो बातों के लिए यादगार रहेगी. एक, यह नौ वर्षों के बाद नासा के अपने अंतरिक्ष केंट्र से अमेरिकी सरज़मीं से हुई. दूसरे इस सफल यात्रा के बाद दुनिया भर के कुबेर अंतरिक्ष पर सैर सपाटे के लिए जा सकेंगे. इसके लिए स्पेस एक्स के कुबेर मानव युक्त यान भेजने के लिए योजनाएँ बनाने में लग गए हैं.

हिन्दुस्थान समाचार/ललित मोहन बंसल