74th Independece Day: आत्मनिर्भर भारत देशवासियों के मन-मस्तिष्क में छाया हुआ है

नई दिल्ली. भारत आज अपना 74वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस ऐतिहासिक अवसर पर लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराया. इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. समारोह स्थल पहुंचने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पीएम मोदी का स्वागत किया. तिरंगा फहराने के […]

74th Independece Day: आत्मनिर्भर भारत देशवासियों के मन-मस्तिष्क में छाया हुआ है
Follow Us:
| Edited By: | Updated on: Aug 15, 2020 | 8:26 AM

नई दिल्ली. भारत आज अपना 74वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस ऐतिहासिक अवसर पर लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराया. इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी.

समारोह स्थल पहुंचने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पीएम मोदी का स्वागत किया. तिरंगा फहराने के बाद पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कोरोना योद्धाओं को नमन करते हुए कहा कि देश विशेष हालात से गुजर रहा है. इस बार हमारे लिए संकल्प करना बहुत आवश्यक.

पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें

पीएम मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना के इस असाधारण समय में, सेवा परमो धर्म: की भावना के साथ, अपने जीवन की परवाह किए बिना हमारे डॉक्टर्स, नर्से, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस कर्मी, सफाई कर्मचारी, पुलिसकर्मी, सेवाकर्मी, अनेक लोग, चौबीसों घंटे लगातार काम कर रहे हैं.

पीएम ने कहा कि आजादी का पर्व हमारे लिए आजादी के वीरों को याद करके नए संकल्पों की ऊर्जा का एक अवसर होता है. ये हमारे लिए नई उमंग, उत्साह और प्रेरणा लेकर आता है. अगला आजादी का पर्व जब हम मनाएंगे, तो आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश करेंगे, तो ये हमारे लिए बहुत बड़ा अवसर है.

पीएम ने कहा, भारत ने हमेशा विश्वास रखा है कि दुनिया एक परिवार की तरह है.आर्थिक विकास और उन्नति पर ध्यान केंद्रित करने के दौरान मानवता को इस प्रक्रिया और हमारी यात्रा में एक केंद्रीय भूमिका बनाए रखना चाहिए.

उन्होंने कहा, आखिर कब तक हमारे ही देश से गया कच्चा माल, तैयार उत्पाद बनकर भारत में लौटता रहेगा. कोरोना महामारी के बीच 130 करोड़ देशवासियों ने आत्मनिर्भर भारत देशवासियों के मन-मस्तिष्क में छाया है. ये आज सिर्फ शब्द नहीं रहा, बल्कि 130 करोड़ देशवासियों के लिए मंत्र बन गया है.

आज दुनिया इंटर-कनेक्टेड है. इसलिए समय की मांग है कि विश्व की अर्थव्यवस्था में भारत का योगदान बढ़ाना चाहिए, इसके लिए भारत को आत्मनिर्भर बनना ही है.

जब हमारा अपना सामर्थ्य होगा तो हम दुनिया का कल्याण भी कर पाएंगे. आज देश अनेक नए कदम उठा रहा है, इसलिए आप देखिए स्पेस सेक्टर को खुला कर दिया, देश के युवाओं को अवसर मिल रहा है.हमने कृषि क्षेत्र को बंधनों से मुक्त कर दिया. हमने आत्मनिर्भर भारत बनाने का प्रयास किया है.

विस्तारवाद की सोच ने सिर्फ कुछ देशों को गुलाम बनाकर ही नहीं छोड़ा, बात वही पर खत्म नहीं हुई.भीषण युद्धों और भयानकता के बीच भी भारत ने आजादी की जंग में कमी और नमी नहीं आने दी.

आज जो हम स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं, उसके पीछे मां भारती के लाखों बेटे-बेटियों का त्याग, बलिदान और मां भारती को आज़ाद कराने के लिए समर्पण है.आज ऐसे सभी स्वतंत्रता सेनानियों का, आज़ादी के वीरों का, वीर शहीदों का नमन करने का ये पर्व है.

ইনফোসিসের পতনে নারায়ণমূর্তির পরিবারের লস কত হয়েছে জানেন?
ইনফোসিসের পতনে নারায়ণমূর্তির পরিবারের লস কত হয়েছে জানেন?
জেলাশাসকের মাথায় ‘প্রভাবশালী শাশুড়ি’র হাত, ফের কোটি কোটির দুর্নীতির অ
জেলাশাসকের মাথায় ‘প্রভাবশালী শাশুড়ি’র হাত, ফের কোটি কোটির দুর্নীতির অ
এবার পাতালঘরে ঢুকে গেল বাংলাদেশের বাজার!
এবার পাতালঘরে ঢুকে গেল বাংলাদেশের বাজার!
রেলের শেয়ারেরই দিন, চড়চড়িয়ে বাড়ল ইরকন ইন্টারন্যাশনাল থেকে আরভিএনএল!
রেলের শেয়ারেরই দিন, চড়চড়িয়ে বাড়ল ইরকন ইন্টারন্যাশনাল থেকে আরভিএনএল!
অভিষেককে সরকারি হাসপাতালে চিকিৎসা করানোর জন্য মমতাকে পরামর্শ সুকান্তর
অভিষেককে সরকারি হাসপাতালে চিকিৎসা করানোর জন্য মমতাকে পরামর্শ সুকান্তর
১ দিনেই ৮০ শতাংশ লাফ, আপনার আছে নাকি এই শেয়ার?
১ দিনেই ৮০ শতাংশ লাফ, আপনার আছে নাকি এই শেয়ার?
যেন ক্লিয়ারেন্স সেল, পুরনো দামে মিলছে IRCTC, CONCOR
যেন ক্লিয়ারেন্স সেল, পুরনো দামে মিলছে IRCTC, CONCOR
পাহাড় চড়ল দালাল স্ট্রিট, আপার সার্কিট হিট করল একাধিক শেয়ার
পাহাড় চড়ল দালাল স্ট্রিট, আপার সার্কিট হিট করল একাধিক শেয়ার
নতুন বছরে নিন এই রেজোলিউশন, আসতে পারে অর্থনৈতিক স্বাধীনতা
নতুন বছরে নিন এই রেজোলিউশন, আসতে পারে অর্থনৈতিক স্বাধীনতা
কাটা ঘুড়ির মতো গোঁত্তা খেয়ে বাস্তবতার মাটিতে আছড়ে পড়েছে বাংলাদেশ
কাটা ঘুড়ির মতো গোঁত্তা খেয়ে বাস্তবতার মাটিতে আছড়ে পড়েছে বাংলাদেশ