वेटिलेंटर पर हैं पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, अस्पताल ने जारी किया हेल्थ अपडेट
नई दिल्ली. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Former President Pranab Mukherjee) को गंभीर हालत में 10 अगस्त को दिल्ली के आर्मी अस्पताल (Army Hospital) में भर्ती कराया गया था. वो कोरोना पॉजिटिव भी पाए गए हैं. आर्मी अस्पताल ने मंगलवार को जारी बुलेटिन में बताया कि उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई है. वो अभी वेंटिलेटर पर […]
नई दिल्ली. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Former President Pranab Mukherjee) को गंभीर हालत में 10 अगस्त को दिल्ली के आर्मी अस्पताल (Army Hospital) में भर्ती कराया गया था. वो कोरोना पॉजिटिव भी पाए गए हैं.
आर्मी अस्पताल ने मंगलवार को जारी बुलेटिन में बताया कि उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई है. वो अभी वेंटिलेटर पर हैं. उनके मस्तिष्क में थक्का बन जाने के कारण उनकी इमरजेंसी सर्जरी की गई है. जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मुखर्जी के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है. उन्होंने मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी से बात कर उनके पिता की तबीयत के बारे में पूछा.
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ही सोमवार को खुद ही ट्वीट कर जानकारी दी थी कि वो कोरोना पॉजिटिव हैं. रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व राष्ट्रपति एक छोटी सी ब्रेन सर्जरी करवाने अस्पताल गए थे. जब कोरोना टेस्ट किया गया तो वो पॉजिटिव पाए गए.
प्रणव मुखर्जी ने ट्वीट कर कहा, ‘एक अस्पताल के दौरे पर मैं कोविड-19 पॉजिटिव पाया गया. पिछले हफ्ते मेरे साथ संपर्क में आए उन सभी लोगों से मेरा अनुरोध है कि वे खुद को आइसोलेट कर लें और कोरोना की जांच करवाएं.
गौरतलब है कि इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, जल संसाधन मंत्री अर्जुन मेघवाल भी कोरोना से संक्रमित पाए गए. इन सभी लोगों का फिलहाल इलाज चल रहा है. बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा भी कोरोना से संक्रमित हुए थे, लेकिन अब ठीक हो गए हैं. कर्नाटक के सीएम बीएस येदियुरप्पा भी कोरोना पॉजिटिव हैं.
बता दें कि प्रणब मुखर्जी की उम्र 84 साल है, ऐसे में बढ़ती उम्र के कारण भी उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे प्रणब मुखर्जी 2012 से 2017 के बीच देश के राष्ट्रपति रहे हैं. साल 2019 में केंद्र सरकार ने प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न से सम्मानित किया था.
राष्ट्रपति बनने से पहले उन्होंने एक दमदार सियासी पारी खेली, इसी कारण से राजनीति के गलियारों में उन्हें बेहद सम्मान दिया जाता है. यूपीए 2 के दौरान वे कांग्रेस पार्टी और सरकार के सबसे बड़े संकटमोचन के रूप में उभरे.