राष्ट्रीय शिक्षा नीति से तैयार होगी 21वीं सदी के नए भारत की नींव : मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 21वीं सदी के नए भारत की नींव तैयार करने वाली है. प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा में परिवर्तनकारी सुधारों पर सम्‍मेलन’ में उद्घाटन भाषण में कहा कि बीते कई वर्षों से हमारी शिक्षा व्यवस्था में […]

राष्ट्रीय शिक्षा नीति से तैयार होगी 21वीं सदी के नए भारत की नींव : मोदी
Follow Us:
| Edited By: | Updated on: Aug 07, 2020 | 1:34 PM

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 21वीं सदी के नए भारत की नींव तैयार करने वाली है.

प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा में परिवर्तनकारी सुधारों पर सम्‍मेलन’ में उद्घाटन भाषण में कहा कि बीते कई वर्षों से हमारी शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव नहीं हुए थे. इसके चलते समाज में उत्सुकता और कल्पना के महत्व को बढ़ावा देने के बजाय भेड़ चाल को प्रोत्साहन मिलने लगा था.

प्रधानमंत्री ने इस पर प्रसन्नता व्यक्त की है कि शिक्षा नीति पर अभी तक किसी भी वर्ग या समुदाय ने भेदभाव का आरोप नहीं लगाया है. इस नीति में किसी भी एक तरफ झुकाव नहीं है. मोदी ने नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के संबंध में कहा कि कुछ लोगों के मन में ये सवाल आना स्वभाविक है कि इतना बड़ा बदलाव कागजों पर तो कर दिया गया लेकिन इसे जमीन पर कैसे उतारा जाएगा.

उन्होंने कहा कि सबको साथ मिलकर शिक्षा नीति को लागू किया जाएगा. जहां तक राजनीतिक इच्छाशक्ति की बात है, सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति सिर्फ सर्कुलर जारी करके, नोटिफाई करके लागू नहीं होगी. इसके लिए सभी देशवासियों को दृढ़ इच्छाशक्ति दिखानी होगी.

मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत को शक्तिशाली बनाने वाली है. मौजूदा शिक्षा प्रणाली में जहां ‘व्हाट यू थिंक’ पर जोर दिया जाता है वहीं नई शिक्षा नीति में ‘हाउ टू थिंक’ पर ध्यान केंद्रित किया गया है. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति पर देशभर में व्यापक चर्चा हो रही है. अलग-अलग क्षेत्र और विचारधाराओं के लोग अपनी राय दे रहे हैं और यह स्वस्थ बहस है. ये जितनी ज्यादा होगी, उतना ही लाभ देश की शिक्षा व्यवस्था को मिलेगा.

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में आज के कॉन्क्लेव को अहम बताते हुए कहा कि भारत के शिक्षा जगत को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं के बारे में जितनी ज्यादा स्पष्ट जानकारी होगी इसे लागू करने में उतनी ही आसानी होगी. उन्होंने कहा कि 3-4 साल के व्यापक विचार-विमर्श के बाद, लाखों सुझावों पर लंबे मंथन के बाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति को स्वीकृत किया गया है.

नई शिक्षा नीति में प्राथमिक स्तर की शिक्षा मातृभाषा में दिए जाने के संबंध में मोदी ने कहा कि इस बात में कोई विवाद नहीं है कि बच्चों के घर की बोली और स्कूल में पढ़ाई की भाषा एक ही होने से बच्चों के सीखने की गति बेहतर होती है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति में शिक्षक प्रशिक्षण पर विशेष जोर दिया गया है. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में पढ़ाई के साथ-साथ कौशल से जोड़ने की पहल की गई है.

इस सम्‍मेलन का आयोजन मानव संसाधन विकास मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा किया जा रहा है. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल और केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री संजय धोत्रे भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे.

हिन्दुस्थान समाचार/सुशील