Raksha Bandhan 2020: राखी बांधते समय बहनें पढ़ें ये मंत्र, दूर होगी बाधा
नई दिल्ली. सोमवार यानी आज सावन के समापन के साथ पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा रहा है. इसी दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांध रही हैं. इस बार रक्षाबंधन पर सावन का अंतिम सोमवार भी है तो ये खास संयोग बना है. इस बार राखी पर दुर्लभ एवं […]
नई दिल्ली. सोमवार यानी आज सावन के समापन के साथ पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा रहा है. इसी दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांध रही हैं. इस बार रक्षाबंधन पर सावन का अंतिम सोमवार भी है तो ये खास संयोग बना है.
इस बार राखी पर दुर्लभ एवं शुभ संयोगों की श्रृंखला भी बनी है जो लाभदायक साबित होगी. रक्षाबंधन पर सोमवार और पूर्णिमा के कारण इस साल आनंद योग, सवार्थ सिद्धि योग एवं श्रावण नक्षत्र एक साथ पड़ रहे हैं. इस बार राखी का त्योहार कोरोना काल में आ रहा है तो वो रौनक देखने को नहीं मिल रही है.
ये योग वर्ष 1991 के बाद बना है. ये शुभ संयोग करीब तीन दशक बाद सामने आया है. इस बार 3 अगस्त को रक्षाबंधन पर भद्रायोग सुबह 9.30 बजे समाप्त हो रहा है. प्रात: 9.30 बजे से शाम तक राखी बंधवाने के कई मुहूर्त रहेंगे.
राखी बांधते समय बहनें पढ़ें ये मंत्रराखी बांधते समय बहनों को ये मंत्र पढ़ना चाहिए ताकि इसका शुभ परिणाम मिल सके. अगर राखी बांधते समय बहनें रक्षा सूत्र पढ़ती हैं तो ये बेहद ही शुभ होता है. इसका वर्णन महाभारत में भी आता है.
ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:.
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल..
अर्थात् राजा बली ने भी अपनी रक्षा के लिए हनुमान जी को रक्षा सूत्र बांधकर अपना भाई बनाया था. रक्षा की प्रार्थना की थी. इसी प्रकार हे हनुमान, मेरे भाई की समस्त संकटों से रक्षा कीजिये.
राखी का धागा मात्र एक साधारण धागा नही होता बल्कि इसे रक्षासूत्र कहा जाता है. भाई बहन के अटूट प्रेम का त्योहार माना जाता है. इस दिन बहने अपने भाई की कलाई पर राखी (Rakhi) बांधती है और भाई से उनकी रक्षा का वचन लेती है. भाई भी अपनी पूर्ण निष्ठा से अपनी बहन को उनकी रक्षा वचन देते हैं. हिंदू धर्म में इस त्योहार को बहुत ही पवित्र त्योहार माना जाता है.