प्रियंका ने सैफुद्दीन सोज की ‘नजरबन्दी’ पर केंद्र से पूछा- राजनेता से कैदी जैसा व्यवहार क्यों?

कहा- लोकतंत्रात्मक गणराज्य वाले देश में तानाशाही को स्थान नहीं नई दिल्ली, 06 अगस्त (हि.स.). कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैफुद्दीन सोज को उनके घर में ही नजरबंद रखने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने पूछा है कि आखिर वरिष्ठ राजनेता के साथ […]

प्रियंका ने सैफुद्दीन सोज की 'नजरबन्दी' पर केंद्र से पूछा- राजनेता से कैदी जैसा व्यवहार क्यों?
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| Edited By: | Updated on: Aug 06, 2020 | 3:54 PM

कहा- लोकतंत्रात्मक गणराज्य वाले देश में तानाशाही को स्थान नहीं

नई दिल्ली, 06 अगस्त (हि.स.). कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैफुद्दीन सोज को उनके घर में ही नजरबंद रखने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.

उन्होंने पूछा है कि आखिर वरिष्ठ राजनेता के साथ कैदी जैसा व्यवहार क्यों हो रहा है. सरकार को याद रखना चाहिए कि भारत एक लोकतंत्रात्मक गणराज्य है, यहां तानाशाही के लिए कोई स्थान नहीं.

प्रियंका गांधी ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि सैफुद्दीन सोज साहब ने भारतीय लोकतंत्र की प्रक्रियाओं को मजबूत करने में बड़ी भूमिका निभाई है. उनके साथ कैदी सा व्यवहार करके भाजपा सरकार लोकतंत्र को कुचल रही है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में एक साल से तानाशाही कायम है. ऐसे में मैं सरकार को याद दिलाना चाहती हूं कि भारत एक लोकतंत्रात्मक गणराज्य है.

इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी सैफुद्दीन सोज की तत्काल रिहाई की मांग की थी. उन्होंने कहा था, ‘राजनीतिक दलों के नेताओं को बिना किसी आधार के गैरकानूनी ढंग से हिरासत में रखे जाने से देश के तानेबाने को नुकसान होता है. सोज को तत्काल रिहा किया जाना चाहिए.’

पिछले साल 05 अगस्त को जम्मू-कश्मीर (पूर्व राज्य) के विशेष दर्जे को समाप्त किए जाने के बाद से ‘उन्हें अवैध रूप से नजरबंद’ रखा गया है. इस बीच सोज की पत्नी ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर पति को अवैध हिरासत से रिहा करने की अपील की थी.

इस पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 30 जुलाई को हलफनामा दायर कर कहा था कि सोज को न तो कभी हिरासत में लिया गया और न ही घर में नजरबंद रखा गया. उनके आने-जाने पर भी कोई पाबंदी नहीं है. अब सोज ने सुप्रीम कोर्ट में प्रशासन के जवाब को ‘झूठ’ बताते हुए सरकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की बात कही है.

हिन्दुस्थान समाचार/आकाश/बच्चन